Tuesday, January 18, 2011

बीते पल

आज बीते मुद्दत के देखा तो बदले बदले से नजर आते है वो,
कहते है कुछ पर कहते कहते ही संभल जाते है वो,
कोई पूछे के क्या हुआ जो बीते कुछ साल और फकत चार दिन,

यूं होके बेपर्दा भी संभले संभले से नजर आते है वो,

क्यों ऐसे रुखसत किया के परछाइयां तक भी साथ न मेरे,

दूर मुझसे हो के भी क्यों थमे थमे से नजर आते है वो,
जब सामने वो रहते है तो क्यों थमता नहीं है दिल मेरा,
यु आके झोंके की तरह एक हलचल मचा जाते है वो,

यु खामोश बैठा मुझे पूछते है "क्या हुआ"
सब जानकार भी अनजान खुद को बता जाते है वो,
कर नहीं सकता किसी से अपना हाले दिल बयान,
और नजरो कर के बयान् मशहूर मुझको किये जाते है वो.....