मै न समझा मै ना जाना यु उसकी
बेवजह मुस्कराने की,
देख मुझे ताक मुझे यु बेवजह
छुप जाने की..
ये शोकिया, ये बांकपन मेरे लिये पर
किसलिए ??
थी न कोई वजह जीने की पर किस लिए
हम जी लिए ??
मन में जो था मेरे या उसके फिर क्यों नही
वो कह दिया॥
बिन कोई वजह फिर क्यों जी रहे
है हम ये दुःख लिए..
आज आलम ये है के पवन चली तो
आहट हुई॥
यु लगा के मेरे दरवाजे फिर
कोई आ गया॥
राम सच्चा, रब सच्चा, या खुदा सच्चा
है यारो।
तुम बताओ क्यों बेवजह ऐसी
मेरी हालत हुई..
आज वो जहा भी होगी खुश होगी
मेरे खुदा,
समझ मेरे आता नही, बिन उसके क्यों
न खुश मै रह सका??
प्यार में बलिदान ही सबसे बड़ी
गाथा रही...
पर वो या मै बलिदान कौन है
दे रहा..??
अब ये वजह है के बेवजह की वजह
क्यों मै खोजता??
अब वो नही इस जीवन में क्यों नही
दिल मानता॥
मन है जोगी ए "राजीव" अब तो तन जोगी
बन रहा ॥
क्या लाये थे जो खो दिया ये तो
हर कोई है जानता॥
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