Thursday, September 24, 2009

उम्र..

ए यार तेरी बात में न वो दम था
जो तू कह गया शायद वो बहुत कम था॥

के उम्र देखो तो बहुत है जिंदगी खुल के जीयो
के कल के संकट में आज को न बरबाद करो॥
जिंदगी शम्मा लिए तेरे डर पे खड़ी होगी सही
जो भूखे सो गए आज जाके उनसे भी बात करो॥

और जिद ना कर ऐसी के तू युही टूट जाएगा
और उनके बिन जीने का मजा भला कहा आएगा॥
और अगर चाहने से ज़माना यु बदल जाता
तो आज राँझा का हीर और शिरीन का फरहाद होता॥

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